आता है तूफां तो आने दे, कश्ती का खुदा खुद हाफिज है,मुमकिन है कि बहती मौजों में खुद बह कर साहिल आ जाये॥ लहलहाती खेती पर कब ओले पड़ जायें, कब तूफान में पेड़ों की शाखें गिर जायें, कोई नहीं जानता|एक ऐसे ही संपन्न महाजन थे| पॉंच बच्चों की गृहस्थी हँसी खुशी चल रही थी कि अचानक...
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कुछ ऐसा भी होता है क्या ?
एक बार नानाजी के पास बैठी थी| बच्चे हो गये थे-यानी अब दुनियादारी और मर्म की बात समझने के दिन आ गये थे| बोले बेटा, ‘‘बात असल की या है ऊपर भगवान नीचै पीसो!’’ यानी दुनिया का भगवान पैसा ही है|कुछ अटपटा लगा कि बड़े लोगों को पैसे का कुछ ज्यादा ही प्रेम है| उन्होंने एक साखी...
आज की लक्ष्मीबाई
आठ वर्ष की मनु ब्याह कर लक्ष्मीबाई बन झांसी आई| मणिकर्णिका घाट पर जन्मी उच्चकुल ब्राह्मण दंपत्ति के यहॉं| पिता को बिठूर में पेशवा के यहॉं उच्च पद पर रक्खा गया| मनु पेशवा के बच्चों के साथ खेलती ‘‘बरछी ढाल, कृपाण कटारी, उसकी यही सहेली थी, नकली युद्ध सैन्य घेरना दुर्ग...